कमेंट्री
थोड़बो दिन जँ और जीब और की न ' देखब ऐ ठाम !!
चिक्का दरबरी खेल कतए गेल, सकदम खेल कबड्डी !
गाम-गाम अखराहा उसरल, आ कुश्तिमे अड्डी !
लंगर बुगली पेंच लदाना कते चुआबै घाम?
थोड़बो दिन जँ और जीब और की न ' देखब ऐ ठाम !!
गुल्ली-डन्टा, गोली-गोली गेल्ले कौड़ी चित्ती !
तै गिद्धा गुरकान खेलमे, कते बाजी जीती !
औंक-मौंक आ चौंक चीरा लए गेल पचीसी गाम !!
थोड़बो दिन जँ और जीब और की न ' देखब ऐ ठाम !!
दंड बैसकी भेल निपत्ता, फुटि गेलै फुटबॉल !
कते खलीफा झिल्ल्म झाड़े मूँगरद्न्न हंटबॉल !
बिना खर्च केर खेल जमै छल, लगै न कौड़ी दाम !!
थोड़बो दिन जँ और जीब और की न ' देखब ऐ ठाम !!
आन खेल नै कोनो फिल्ड्मे, तीन क्रिकेटक खुट्टी !
पाथर सन मजगुत बॉल फोड़े कते केर घुट्ठी !!
रन्न क्रिकेटक अबिते, डाली-पाती केलक अराम !!
थोड़बो दिन जँ और जीब और की न ' देखब ऐ ठाम !!
कान लगाकें सुनए रेडियो, बूढ़ा बौका बुच्ची !
छग्गा-चौगा-दुग्गा बेशी बुझए जे खुरलुच्ची !!
बिना दाव आ पेंचक खेल, करी हम राम सलाम !!
थोड़बो दिन जँ और जीब और की न ' देखब ऐ ठाम !!
कोनो आफिसर जते सहायक, हाकिम वा अध्यापक !
तजल काज सब कान रेडियो, आन्हर नगरिक नाटक !!
सुतैर गेलै तं शतक, न लहलै जीरो पर विश्राम !!
थोड़बो दिन जँ और जीब और की न ' देखब ऐ ठाम !!
सब अकशाबानीक केंद्र सँ, सब दिन वैह कमेंट्री !
बल्लेबाज,विकेटकीपरक, नाम टेप पर इन्ट्री !!
भरि दिनुका संगीत कवितक कटमकटट प्रोग्राम !!
थोड़बो दिन जँ और जीब और की न ' देखब ऐ ठाम !!
मँगनी नै धर्मस्थल देखता, नमरी दs-दs मैच !
सचिन आउट युवराज अबैछै, बड्ड बनल छै बैच!!
जते सुर तुलसी जग जानित, ततबे धोनी नाम !!
थोड़बो दिन जँ और जीब और की न ' देखब ऐ ठाम !!
जहिना मुइलै कौड़ी, कबड्डी, तहिना ईहो जेता !
अति उच्चैहः पतन लगिचेलै, तखन कीर्ती की लेता !!
एतै तेसर खेल क्रिकेटो जेतै नानी गाम !!
थोड़बो दिन जँ और जीब और की न ' देखब ऐ ठाम !!
चिक्का दरबरी खेल कतए गेल, सकदम खेल कबड्डी !
गाम-गाम अखराहा उसरल, आ कुश्तिमे अड्डी !
लंगर बुगली पेंच लदाना कते चुआबै घाम?
थोड़बो दिन जँ और जीब और की न ' देखब ऐ ठाम !!
गुल्ली-डन्टा, गोली-गोली गेल्ले कौड़ी चित्ती !
तै गिद्धा गुरकान खेलमे, कते बाजी जीती !
औंक-मौंक आ चौंक चीरा लए गेल पचीसी गाम !!
थोड़बो दिन जँ और जीब और की न ' देखब ऐ ठाम !!
दंड बैसकी भेल निपत्ता, फुटि गेलै फुटबॉल !
कते खलीफा झिल्ल्म झाड़े मूँगरद्न्न हंटबॉल !
बिना खर्च केर खेल जमै छल, लगै न कौड़ी दाम !!
थोड़बो दिन जँ और जीब और की न ' देखब ऐ ठाम !!
आन खेल नै कोनो फिल्ड्मे, तीन क्रिकेटक खुट्टी !
पाथर सन मजगुत बॉल फोड़े कते केर घुट्ठी !!
रन्न क्रिकेटक अबिते, डाली-पाती केलक अराम !!
थोड़बो दिन जँ और जीब और की न ' देखब ऐ ठाम !!
कान लगाकें सुनए रेडियो, बूढ़ा बौका बुच्ची !
छग्गा-चौगा-दुग्गा बेशी बुझए जे खुरलुच्ची !!
बिना दाव आ पेंचक खेल, करी हम राम सलाम !!
थोड़बो दिन जँ और जीब और की न ' देखब ऐ ठाम !!
कोनो आफिसर जते सहायक, हाकिम वा अध्यापक !
तजल काज सब कान रेडियो, आन्हर नगरिक नाटक !!
सुतैर गेलै तं शतक, न लहलै जीरो पर विश्राम !!
थोड़बो दिन जँ और जीब और की न ' देखब ऐ ठाम !!
सब अकशाबानीक केंद्र सँ, सब दिन वैह कमेंट्री !
बल्लेबाज,विकेटकीपरक, नाम टेप पर इन्ट्री !!
भरि दिनुका संगीत कवितक कटमकटट प्रोग्राम !!
थोड़बो दिन जँ और जीब और की न ' देखब ऐ ठाम !!
मँगनी नै धर्मस्थल देखता, नमरी दs-दs मैच !
सचिन आउट युवराज अबैछै, बड्ड बनल छै बैच!!
जते सुर तुलसी जग जानित, ततबे धोनी नाम !!
थोड़बो दिन जँ और जीब और की न ' देखब ऐ ठाम !!
जहिना मुइलै कौड़ी, कबड्डी, तहिना ईहो जेता !
अति उच्चैहः पतन लगिचेलै, तखन कीर्ती की लेता !!
एतै तेसर खेल क्रिकेटो जेतै नानी गाम !!
थोड़बो दिन जँ और जीब और की न ' देखब ऐ ठाम !!
लेखक :- जय प्रकाश चौधरी"जनक"
साभार :- जय प्रकाश चौधरी"जनक"
प्रस्तुति :- राजीव मिश्र(अपन मिथला धाम)
सुचना :- कृपया क कें अही कविता क कोप्पी न करी और एकरा इत्र-वित्र जगह पर पोस्ट नै करी.
साभार :- जय प्रकाश चौधरी"जनक"
प्रस्तुति :- राजीव मिश्र(अपन मिथला धाम)
सुचना :- कृपया क कें अही कविता क कोप्पी न करी और एकरा इत्र-वित्र जगह पर पोस्ट नै करी.
wah ati sundar lagal
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